दोस्ती, क्रिकेट व प्यार के समावेश की गुगली
"सपने वो नहीं होते, जो आप रात को सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।"
( एपीजे अब्दुल कलाम)
एपीजे अब्दुल कलाम की इस पंक्ति की सार्थकता आपको पुस्तक में पढ़ने को मिलेगी।
गुगली ज्ञानेश साहू का पहला उपन्यास है जिसमें दोस्ती क्रिकेट मस्ती और प्यार का अद्भुत समावेश है।
इस कहानी की शुरुआत 2007 के वर्ल्ड कप से होती है धीरे-धीरे कहानी आगे बढ़ती है जहां दोस्तों के बीच घनिष्ठ मित्रता, प्रेम का अंकुरण , क्रिकेट का जुनून, स्कूल के दिनों का अंत व कॉलेज का प्रारंभ आदि देखने को मिलता है और कहानी का अंत 2011 के शानदार वर्ल्ड कप से होता है।
यह कहानी आकाश शिल्पा योगेश माहिरा अखिलेश कमलेश आदि के इर्द-गिर्द घूमती है। क्या दोस्त मिलकर कहानी में चार चांद लगाते हैं। सभी को दोस्ती का असली मतलब समझाते हैं। कहते हैं "जो हमारे दोषो का अस्त करे वह दोस्त होता है "। इस बात का उदाहरण है इन सब की दोस्ती।
कहानी की शुरुआत से ही आप खुद को कहानी में खोता हुआ पाओगे। कहानी को पढ़कर मुझे भी अपने बचपन के दोस्तों की याद आने लगी। लेखक ने सरल भाषा में कहानी का अद्भुत वर्णन किया है। साथ ही कहानी का कवर शीर्षक के अनुकूल व आकर्षित है।
साथ ही कहानी में आए कुछ बिंदु मुझे बहुत अच्छे लगे जैसे यह कहानी शुरू होती है भिलाई से।
भिलाई जहां भारत का पहला इस्पात कारखाना है, जहां रेलों का उत्पादन होता है।
दूसरी और यहां चित्रकोट जलप्रपात के बारे में भी जानने को मिलता है। चित्रकोट जलप्रपात यह भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात है इसे भारत का नियाग्रा जलप्रपात भी कहते हैं।
मुझे भी क्रिकेट बहुत पसंद हैं, इसलिए इस कहानी को पढ़कर मुझे बहुत मजा आया। यकीन मानिए आप को भी इस कहानी को पढ़कर बहुत मजा आने वाला है क्योंकि यह कहानी दोस्ती की सच्ची परिभाषा प्रस्तुत करती है और अगर आप क्रिकेट लवर है तो आपको यह कहानी पढ़कर वैसे भी बहुत मजा आने वाला है। यह बुक अमेजॉन पर उपलब्ध है तो आप इसे जल्दी से जाकर खरीद सकते हैं।
समीक्षक - श्वेता शर्मा
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