Chitra Mudgal - The First Woman To Receive The "Vyas Samman" For Her Novel "Aavaan"

मजबूती अपने अंतरमन में ही होती है बिट्टी! कोई उसे किसी को दे नहीं सकता है। हाँ, उसका मनोबल सींचकर वह उस दृष्टि को विकसित करने में अवश्य सहायक सिद्ध हो सकता है... जो भीतर की अदृश्य शक्ति को अन्वेषित कर व्यक्ति को चुनौतियों का सामना करने का साहस और आत्मविश्वास प्रदान करती है...जिनमें वह शक्ति अन्वेषित नहीं हो पाती, वे संघर्ष से पलायन कर आत्मघात को प्रवृत्त होते हैं या समझौते को...।

- चित्रा मुद्गल, एक जमीन अपनी

साहित्य के क्षेत्र में व्यास सम्मान प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला "चित्रा मुद्गल" का जन्म 10 दिसंबर 1943 को चेन्नई में हुआ। चित्रा मुद्गल जी ने प्रारंभ से ही खुद को साहित्य के क्षेत्र से जोड़ लिया। और उन्होंने अपनी एम. ए भी हिंदी साहित्य से ही की।

चित्रा मुद्गल भारतीय लेखिका और आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख साहित्यकारों में से एक हैं। इन्होंने अपने साहित्यिक जीवन में एक जमीन अपनी, गिलिगुड़, केंचुल, प्रतिनिधि कहानियां, आवान, दूर के ढोल आदि रचनाओ का संपादन किया।

इनकी सभी रचनाएं बहुप्रशंसित रही और इन्हें सन् 2000 में "आवान" पुस्तक के लिए "इंदु शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान" , सन 2003 में "आवान" के लिए "व्यास सम्मान", सन् 2018 में "पोस्टबॉक्स नंबर 203, नालासोपारा" के लिए "साहित्य अकादमी पुरस्कार" और बहुत चर्चित "एक जमीन अपनी" के लिए "फणीश्वर नाथ 'रेणु'" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

वर्तमान में भी चित्रा मुद्गल अपनी रचनाओं के माध्यम से पाठकों के हृदय में छाई हुई है।


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