udaas Pani mai duba Chand
उदास पानी डूबा चांद नीरज उपाध्याय जी का पहला उपन्यास है, जो कि 14 कहानियों का एक कहानी संग्रह है। सभी कहानियां अपना एक अलग अस्तित्व रखती है लेकिन ज्यादातर कहानियां प्रेम कहानियां पर आधारित है। जैसे किसी कहानी में प्रेम मिलाप तो किसी कहानी में प्रेम विरह आदि पढ़ने को मिलता है। साथ ही साथ कुछ कहानियों में प्रेम के अलावा दोस्ती, मां और ससुराल की यादों के रूप में नयापन देखने को मिलता है।
लेखक की लेखन शैली की बात करें तो लेखक ने कहानी में बड़ी ही सुंदर लेखन शैली का प्रयोग किया है जो पाठकों को आकर्षित करती है । लेखक का शब्द चयन उत्कृष्ट है इसी वजह से कहानी में कोई भी शब्द अशुद्धि नहीं है। साथ ही कहानी में कुछ नये शब्द भी पढ़ने को मिलते हैं जैसे अलबत्ता, गोया आदि।
"हम जब- जब मुकम्मल होना चाहते हैं न, हर बार कोई वजह आकर हमें रोक लेती है कि जैसे हमारा अपूर्ण रह जाना ही हमारी नियति है।" और भी ऐसी वन लाइनर और पंच लाइन कहानी में बहुत पढ़ने को मिलते हैं। जो हमारी जिंदगी से संबंधित ही लगते हैं।
मुझे हमेशा से कहानी पढ़ने की बहुत उत्सुकता रहती है कि यह कहानी क्या है, इसमें क्या होने वाला है।और जब मैंने यह कहानी पढ़ी तो यह कहानी कही- कही मुझे नीरस लगी क्योंकि लेखक ने कहानी में कहीं कहीं अपनी बातों को व फिलासफी थॉट्स को बड़े ही व्याख्यात्मक रूप में प्रस्तुत किया है इस वजह से वहां कहानी की रोचकता कम लगने लगती है। बाकी जो कहानियां हैं वह रोचक अंदाज में लिखी गई है। जिनमें से एक यार अजीब सा , दीवानी सी लड़की, उदास पानी में डूबा चांद मुझे अच्छी लगी।
कहानी का कवर शीर्षक के अनुकूल है। कहानी का कवर व शीर्षक देखने पर लगता है कि कहानी प्रेम विरह से संबंधित होगी। और यह शीर्षक पाठकों के मन में जिज्ञासा भी उत्पन्न करता है।
प्रेम कहानी पढ़ने वाले पाठकों के लिए यह बहुत अच्छी है।
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